Saturday 2 September 2017

शुक्र है हम कुफ्फर है तेरी नज़र में 
मार ले हमे अपने ही  शहर में

तेरी अदाओ के कारनामे हर शख़्स कहता है 
तू ही तू है महीनो से खबर में 

घर से निकलो कुछ करना  है तो 
सराये उजड़ गयी सब्र ही सब्र में 

बगैर सोचे क़ज़ा देना मुझे 
वादाखिलाफी कर जाऊ अगर मैं 

बतौर क़ातिल ही आजा मिलने तू 
बड़ी मुश्किल  हो रही है गुजर बसर में 

खंज़र भूलआया है तो भी आजा 
उसी रोज़ मर गए थे हम तेरी नज़र में 

मखमल-ओ-महलो के लिए मयस्सर नहीं हम 
जो मज़ा है राठौड़ सोने का कब्र में 


Monday 24 July 2017

खयालो में ही उससे मिलता हूँ मैं
दरख्तों के साये में जलता हूँ  मैं

रंज-ओ-रुसवाई तो नतीजा-ए-बेक़दरी है
मगर फिर भी होठों को सिलता हूँ मैं

मंजिलो को पहुंचा  है कारवाँ उसका
जानिब-ए -यार पे अब भी चलता हूँ मैं 

अदाओं पे उसकी फिसलता हूँ मैं
 शिकायते है मगर मचलता हूँ मैं

कही रातो में गहरी सिसके ना वो
तो सुबहों में सूरज उगलता हूँ मैं 

दुनिया बेगानी, बेगानो से सम्भलता हूँ मैं
इस खातिर ही रातो में निकलता हूँ मैं

वो शातिर है, बचता है मेरी निगाहो से
निगाहे उसकी, लिए दिल में, उससे मिलता हूँ मैं

Monday 3 April 2017

अनाम के नाम 



 ये कसूर हवाओं का है, जो सुरूर तुम्हारा है ,
चढ़ा हुआ परसो से है , लगता जैसे बरसो से है।  

ये दौर  शायरी का है , ये दौर आशिक़ी का है ,
वो दौर बेबसी का था , ये दौर मौसिक़ी का है। 

जुर्म हुआ आँखों से लबीब , जुर्माना दिल क्यों दे रहा 
इंसाफपसंद सब फ़ना  हो गए, देखो दिल रिश्वत दे रहा। 

 वो सावन हमारा था , हम उसकी घटाए छोड़कर आये है , 
 इज़हार ए मोहब्बत में शिरकत कर तू भी 
लबों को सी कर न बैठ, हम तेरे लिए जमाना छोड़ कर आये है। 

रंगरेजों की बस्ती में , हम दिल भूल कर आये है ,
अली, शहादत  हमें संभालो, हम मुर्दा वापस आये है। 

जो जीवित है  


पीपल की छांव मांगे ना, सागर में नाव मांगे ना
कुछ  होते है वो मस्ताने, दुःखों में भाव मांगे ना।

ठोकर खाकर  चलते है , काँटों के संग में पलते है
जीते जी खुद्दार जिए , मरकर शमशान मांगे ना।

प्रीत में जीत  ये मांगे ना , प्रेयसी के गीत  ये मांगे ना
इकतरफा ही बस रहने दो , सावन में मीत मांगे ना।

तरकश में तीर मांगे ना, नदियों से नीर भी मांगे ना
घावों की तड़प सुहाती है ,संगी पर  पीर ये मांगे ना।

कृष्ण से चीर मांगे ना, श्रीराम से धीर मांगे ना ,
सागर तो मीत है इनका , हनुमान सा बीर मांगे ना।

वायु से प्राण मांगे ना , तरकश और बाण मांगे ना
योद्धा लड़ते है भुजबल से, कभी ढाल कृपाण  मांगे ना।